Usha sharma

Add To collaction

लेखनी प्रतियोगिता -03-Jun-2023


अधूरा अभी ये हुनर ​​है, 
लगे दूर थोड़ा सफ़र है। 

कभी गीत धड़कन बने हैं, 
कभी मोह लेती सहर है। 

कहूँ जो कभी आप बीती, 
लिखी आपकी ही नज़र है। 

किरण रोशनी की बनो तुम, 
लगे ये ख़ुदा की महर है। 

मिलेंगी कभी ये मंज़िलें भी, 
दिलों को मनाना  हुनर ​​है। 

© उषा शर्मा 

   15
7 Comments

Punam verma

04-Jun-2023 09:28 AM

Very nice

Reply

Abhinav ji

04-Jun-2023 08:50 AM

Very nice 👍

Reply

बेहतरीन रचना

Reply